(1) वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective type question) :
(A) सही उत्तर को चिह्नित कीजिए :
1. भारत के सभी भागों की जलवायु में एकरूपता/विभिन्नता / समानता पाई जाती है।
उत्तर : विभिन्नता।
2. समुद्र के आसपास के क्षेत्रों में समभावापन्न / चरमभावापन्न / इनमें से कोई नहीं जलवायु पाई जाती है
उत्तर : समभावनापन्न।
3. राजस्थान का थार मरुस्थल सबसे अधिक/सबसे कम / सामान्य वर्षा प्राप्त करने वाला क्षेत्र है।
उत्तर : सबसे कम।
4. ग्रीष्म काल में देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग में लू/कालवैशाखी / आर्द्र हवा चलती है।
उत्तर : लू।
5. पश्चिम बंगाल में काल बैशाखी नामक तूफान मार्च-अप्रैल/अप्रैल-मई/मई-जून में चलती है।
उत्तर : अप्रैल-मई।
6. भारत में वर्षा काल का समय है अक्टूबर से नवम्बर/ जून से सितम्बर/ जून से जुलाई।
उत्तर : जून से सितम्बर।
7. भारत की अधिकांश वर्षा दक्षिण-पश्चिम / उत्तर-पूर्व / दक्षिण मानसूनी हवाओं द्वारा होती है।
उत्तर : दक्षिण-पश्चिम।
8. पश्चिम घाट पर्वत का पूर्वी भाग/पश्चिमी भाग/दोनों भाग वृष्टिछाया प्रदेश के अन्तर्गत पड़ता है।
उत्तर : पूर्वी भाग।
9. समुद्र तल से ऊंचाई बढ़ने पर तापमान कम / अधिक स्थिर होता है।
उत्तर : कम।
10. भारत में मानसून की वापसी की ऋतु है — ग्रीष्म ऋतु/शरद ऋतु/वर्षा ऋतु ।
उत्तर : शरद ऋतु।
(B) रिक्त स्थानों की पूर्ति करो :
1. भारत की जलवायु …………. है।
उत्तर: मानसूनी।
2. दिल्ली की जलवायु ……… है।
उत्तर: विषम।
3. चेन्नई की जलवायु ……… है।
उत्तर: सम।
4. भारत में ……… में उत्तरी-पूर्वी मानसून हवाएं चलती हैं।
उत्तर: शीतकाल।
5. पश्चिम बंगाल में ……. नामक तूफान ….. चलते हैं।
उत्तर : कालबैशाखी, अप्रैल-मई में।
6. भारत में सर्वाधिक वर्षा …… में होती है।
उत्तर: मौसिनराम।
7. …………. राज्य में साल में दो बार वर्षा होती है।
उत्तर: तमिलनाडु
10. तमिलनाडु राज्य में शीतकाल में ……… मानसूनी हवाओं द्वारा वर्षा होती है।
उत्तर: पूर्वी
(C) सही कथन के सामने सही तथा गलत कथन के सामने गलत लिख
1. भारत की जलवायु उष्ण एवं आद्र है। [सही]
2. पश्चिम बंगाल की जलवायु उष्ण एवं आई है। [सही]
3. भारत की अधिकांश वर्षा उत्तरी-पूर्वी मानसूनी हवाओं द्वारा होती है। ( गलत )
4. भारतीय कृषि मानसूनी हवाओं पर निर्भर है। [ सही |
5. पर्वतों के जिस ढाल पर वर्षा नहीं होती है, उसे वृष्टिछाया प्रदेश कहा जाता है। [सही]
6. भारत में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य मेघालय है। [सही]
(2) अति लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- 1. शिमला गर्म है कि ठंडा ?
उत्तर: ठंडा।
प्रश्न 2. समुद्र के निकट स्थित स्थानों की जलवायु कैसी होती?
उत्तर: सुावनी।
प्रश्न 3. भारत में सबसे कम वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर: राजस्थान।
प्रश्न-4. भारत की जलवायु पर किस वायु का प्रभाव पड़ता है?
उत्तर : मानसूनी वायु।
(3) लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-1 लू किसे कहते हैं?
उत्तर: देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग में ग्रीष्म काल में चलने वाली शुष्क हवाओं को लू कहा जाता है। इनके प्रभाव से दिन में निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी इनका प्रभाव देर रात तक बना रहता है।
प्रश्न-2. काल बैशाखी किसे कहते हैं?
उत्तर पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में दोपहर के बाद तूफानी हवाएं चलती है जिससे गरज और चमक के स कभी-कभी भारी वर्ष हो जाती है। इससे तापमान में गिरावट के मोड़ी राहत मिल जाती है। मौसम खुशनुमा हो जाया करता है।
प्रश्न- 3. मानसूनी हवा किसे कहते हैं?
उत्तर : मानसूनी शब्द अरबी भाषा के गौरिन शब्द से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है'' ये हवाएं जो मौसम परिवर्तन के साथ-साथ अपनी दिशाएं बदल देती है उन्हें मानसूनी बायु कहा जाता है।
यह दो प्रकार की होती है : -
(1) ग्रीष्मकालीन मानसून अर्थात् दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनी वायु
(2) शीतकालीन मानसून वायु अर्थात् उत्तर-पूर्व मानसूनी वायु
प्रश्न- 4. दक्षिण-पश्चिम मानसूनी वायु के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर : दक्षिण-पश्चिम मानसूनी वायु ग्रीष्मकाल अर्थात् अप्रैल-मई महीनों में अधिक तापमान के कारण देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग पर निम्न वायुदाब का केन्द्र बन जाता है। ठीक इसके विपरीत हिन्दू महासागर पर कम तापमान के कारण उच्च वायु दाब की सृष्टि हो जाती है। इसलिए इस वायु दाब के अन्तर को भरने के लिए हिन्द महासागर की ओर से हवाएं भारत के स्थलीय भाग की और चलने लगती हैं। चूंकि इनकी दिशा दक्षिण-पूर्व होती है, इसलिए इन्हें दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनी हवाएं कहा जाता है।
प्रश्न-5. वृष्टिछाया प्रदेश किसे कहते हैं?
उत्तर : वृष्टिछाया प्रदेश पर्वतों के जिसमें वर्षा नहीं देती है, उसे छाया प्रदेश कहते हैं। भाप से भी हवाओं के मार्ग में जब कोई पर्यंत अवरोध उपस्थित करता है, तो हवाएं पर्वतों के सम्मुख भाग मे टकराकर ऊपर उठती है, तथा पनीभूत होकर वर्षा करती है। वर्षा करने के बाद हवाएं ठंडी हो जाती है। और ठंडी होकर जब हवाएं पर्वतों को पार करके पर्वतों के विमुख डाल के सहारे नीचे उतरती हैं, तो उनमें नमी नहीं रहती है इसलिए वर्षा नहीं हो पाती है।
प्रश्न 6. किसी स्थान की जलवायु पर किन-किन बातों का प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: किसी स्थान की जलवायु पर निम्नलिखित बातों का प्रभाव पड़ता है : —
(i) अक्षांश
(ii) ऊँचाई
(iii) समुद्र तल से दूरी
(4) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न- 1. भारत की प्रमुख ऋतुओं का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर : भारत की प्रमुख ऋतुएं निम्नलिखित हैं-
1. ग्रीष्म ऋतु : भारत में ग्रीष्मकाल मार्च से मई तक रहती है। सम्पूर्ण देश में भीषण गर्मी पड़ती है। लेकिन सभी भागों के तापमान एक समान नहीं रहता है। साधारणतः तापमान 30-40°C के आसम रहता है। लेकिन कहीं-कहीं तापमान 40°C से ऊपर भी चला जाता है। पर्वतीय अंचल और समुद्रों के निकटवर्ती भागों में पान अपेक्षाकृत कम रहता है। यही कारण है कि पैन गर्मी से बचने के लिए पर्वतीय भागों में जाया करते हैं। इसी समय देश के उत्तरी पश्चिमी भाग में भूल भरी आंधी चलती है जि कहा जाता है एवं अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में कालवैशाखी नामक तूफान चलते हैं जिससे गर्मी में थोड़ा बहुत राहत मिलती है।
2. वर्षा ऋतु : जून से सितम्बर तक का समय भारत में वर्षा का समय रहता है। यहाँ वर्षा मी मानसूनी हवाओं द्वारा होती है। भारत के सभी भागों में वर्ष का वितरण एक समान नहीं है। कहीं 1200 सैमी० (चेरापूँजी, मौसिनराम) से अधिक वर्षा होती है तो कहीं वर्षा का औसत 50 सेमी (राजस्थान) से भी कम है। अधिकांश भागों में वर्षा का औसत 100-250 सेमी० के बीच है।
3. शरद ऋतु : अक्टूबर से नवम्बर तक का समय भारत में शरद ऋतु के नाम से जाना जाता है। इसे मानसून को वापसी की ऋतु भी कहा जाता है। इस समय सम्पूर्ण देश में तापमान सामान्य रहता है। इस समय उत्तर-पूर्वी मानसूनी हवाएं चलने लगती है। इन हवाओं द्वारा तमिलनाडु में वर्षा होती है।
4. शीत ऋतु : भारत में शीत ऋतु दिसम्बर से फरवरी तक रहती है। इस समय सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में सम्बवत् रहती है इसलिए तापमान कम रहता है। अतः कड़ाके की ठंड पड़ती है। सबसे अधिक ठंड उत्तरी भाग में पड़ती है। दक्षिणी भाग में तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहता है।
प्रश्न-2. भारत की जलवायु पर मौसमी वायु के प्रभाव का वर्णन करो।
उत्तर : भारत की जलवायु पर मानसूनी हवा का प्रभाव निम्न रूपों में पड़ता है-
वर्षा : भारतीय वर्षा का 90% हिस्सा ग्रीष्म काल में जून से सितम्बर के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनी हवाओं द्वारा होती है। विश्व का सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान मौसिनराम (मेघालय) भारत में ही स्थित है। अर्थात् भारत में ग्रीष्म काल आर्द्र रहता है केवल दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनी हवाओं के कारण।
ऋतु परिवर्तन : ग्रीष्म काल में हवाएं उत्तर से दक्षिण की ओर चलती हैं तथा शीतकाल में हवाएं उत्तर से दक्षिणी की ओर चलती हैं।
शीत काल का शुष्क होना : भारत में शीतकाल में उत्तरी-पूर्वी मानसूनी हवाएं चलती हैं। चूंकि ये हवाएं स्थल की ओर से चलती हैं इनमें जलवाष्प नहीं रहती है। इसलिए इन हवाओं द्वारा भारत के अधिकांश भागों में वर्षा नहीं होती है। इसीलिए शीतकाल में भारत प्रायः शुष्क रहता है। लेकिन जब यही हवाएं बंगाल की खाड़ी को पार करके तमिलनाडु तट पर पहुँचती हैं तो पूर्वी घाट पर्वत से टकराकर तमिलनाडु में वर्षा करती है। इसीलिए तमिलनाडु में साल में दो बार वर्षा होती है।
प्रश्न- 3. भारत पर मानसूनी वायु के प्रभावों का वर्णन करो।
उत्तर: भारत पर मानसूनी वायु के प्रभावों भारत में वर्षां मानसूनी हवाओं द्वारा होती है। मानसूनी वर्षा का समय एवं मात्रा दोनों अनिश्चित है। भारत में कृषि मूल रूप से वर्षा पर ही निर्भर है। फसलों का उत्पादन एवं विविधता दोनों ही वर्षां पर निर्भर है। जिस समय वर्षा अच्छी होती है, फसलों का भरपूर उत्पादन होता है। जिस समय वर्षा कम होती है उत्पादन घट जाता है। इसीलिए भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है। भारत के विभिन्न भागों में वर्षा में भिन्नता के कारण ही भारत के भिन्न-भिन्न हिस्सों में भिन्न-भिन्न फसलों का उत्पादन होता है। भारत के पश्चिमी हिस्से जहाँ गेहूँ के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं वहीं, पूर्वी हिस्से धान के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।