(1) वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective type question) :
(A) सही उत्तर को चिह्नित कीजिए :
1. भारत में 3/4/6 प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं।
उत्तर : 6।
2. नवीन जलोढ़ मिट्टी को खादर/ बांगर / काली मिट्टी कहा जाता है।
उत्तर : खादर।
3. लोहा की मात्रा अधिक होने के कारण मिट्टी का रंग काला/लाल/भूरा होता है।
उत्तर : लाल।
4. काली मिट्टी / लाल मिट्टी / मरुस्थलीय मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है।
उत्तर : काली मिट्टी।
5. मरुस्थलीय मिट्टी उपजाऊ / अनुपजाऊ / बहुत अधिक उपजाऊ होती है।
उत्तर : अनुपजाऊ।
6. पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में लेटेराइट/काली/ पर्वतीय मिट्टी पाई जाती है।
उत्तर : पर्वतीय मिट्टी।
7. चाय की कृषि के लिए लाल/काली/ पर्वतीय मिट्टी उपयुक्त होती है।
उत्तर : पर्वतीय मिट्टी।
8. मिट्टी के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण/ वृक्षों की कटाई आवश्यक है।
उत्तर : वृक्षारोपण।
9. नियन्त्रित पशुचारण मिट्टी के कटाव / मिट्टी के संरक्षण का उपाय है।
उत्तर : मिट्टी के संरक्षण।
10. लेटेराइट मिट्टी की प्रधान उपज है धान/ जूट/ ज्वार-बाजरा।
उत्तर : ज्वार बाजरा।
(B) रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
1. काली मिट्टी का दूसरा नाम …….. है।
उत्तर: रेगून।
2. वृक्षों की …… मिट्टी को पकड़े रहती है।
उत्तर: जड़ें।
3. ………. के निर्माण में समय का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।
उत्तर: मिट्टी ।
4. बेसाल्ट चट्टानों के टूट-फूट से ……. मिट्टी का निर्माण होता है।
उत्तरः काली।
5. …….. के मरुभूमि में मरुस्थलीय मिट्टी पाई जाती है।
उत्तर: राजस्थान।
6. …….. मिट्टी के दाने मोटे और छिद्रयुक्त होते हैं।
उत्तर: मरुस्थलीय।
7. ……….. के संरक्षण के लिए पशुचारण नियन्त्रित रूप में किया जाना चाहिए।
उत्तर: मिट्टी।
8. पहाड़ी ढालों पर …….. क्यारियाँ बनाकर कृषि की जानी चाहिए।
उत्तरः सीढ़ीनुमा।
9. मेघालय के पठार पर ……….. मिट्टी पाई जाती है।
उत्तर: लेटेराइट।
(C) सही कथन के सामने सही तथा गलत कथन के सामने गलत लिखो :
1. अधिक वर्षा के कारण पहाड़ी ढालों से मिट्टी बह जाती है। [सही ]
2. लाल मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है। [ गलत ]
3. उर्वर नवीन जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है। [सही]
4. जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदियों द्वारा बहाकर लाए गये उपजाऊ कणों से होता है। [सही]
5. काली मिट्टी कपास की कृषि के लिए प्रसिद्ध है। [ सही]
6. नदियों के बाढ़ वाले क्षेत्रों में लेटेराइट मिट्टी पाई जाती है। [ गलत ]
2) अति लघुउत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न- 1. मिट्टी का दोस्त किसे कहा जाता है?
उत्तर: केंचुआ।
प्रश्न- 2. बेसाल्ट चट्टानों वाले भागों में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर: काली मिट्टी।
प्रश्न- 3. किस प्रकार की मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता कम होती है?
उत्तर: मरुस्थलीय मिट्टी।
प्रश्न- 4. चाय और कॉफी किस प्रकार की मिट्टी में अधिक उगाये जाते हैं?
उत्तर: पर्वतीय मिट्टी में।
प्रश्न- 5. पश्चिम बंगाल के पश्चिमी भाग में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ?
उत्तर : लाल मिट्टी।
प्रश्न- 6. छोटानागपुर के पठारी भाग में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर : लेटेराइट मिट्टी।
प्रश्न 7. काली मिट्टी भारत के किन राज्यों में मुख्य रूप से पाई जाती है ?
उत्तर : महाराष्ट्र एवं गुजरात।
प्रश्न-8. उत्तर प्रदेश एवं बिहार में मुख्य रूप से किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर: जलोढ़ मिट्टी।
(3) लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न-1, मिट्टी किसे कहते हैं? भारत में कितने प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर : मिट्टी धरातल के ऊपरी सतह पर पाई जाने वाली असंगठित कणों की वह सतह जो वनस्पतियों के उगने-बढ़ने में सहायक होती हैं, उसे मिट्टी कहा जाता है।
मिट्टी के प्रकार : : भारत में मुख्य रूप से छः प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती है- (1) जलद मिट्टी (2) काली मिट्टी (3) स्टल मिट्टी (4) सैटेराइट मिट्टी (5) मरुस्थली मिट्टी (6) पर्वतीय मिट्टी।
प्रश्न-2. मिट्टी निर्माण के प्रमुख कारक क्या है?
उत्तर : मिट्टी के प्रमुख कारक है-मूल चक्रवात, जलवायु, जैविक पदार्थ, भू-प्रकृति और समय।
प्रश्न- 3. मिट्टी के क्षय के क्या कारण है?
उत्तर : मिट्टी के क्षय के कारण वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, रसायनिक खादों का प्रयोग, अनियन्त्रित पशु खनिज सम्पदाओं का उत्खनन, विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन आदि प्रमुख कारण जिससे काफी मात्रा में हर वर्ष उपजाऊ मिट्टी का क्षय होता जा रहा है।
प्रश्न-4. मिट्टी के संरक्षण के क्या उपाय है?
उत्तर: मिट्टी के संरक्षण के निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिए-
(1) अनियन्त्रित पशुचारण पर रोक लगाना चाहिए।
(2) पड़ी पर नुमा खेती की जानी चाहिए।
(3) वृक्षारोपन कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
(4) वृक्षों की अत्यधिक कटाई पर रोक लगाया जाना चाहिए।
(5) अत्यधिक गहराई में स्थित खनिज सम्पदाओं का खनन बन्द किया जाना चाहिए।
प्रश्न-5. खादर और बांगर किसे कहते हैं?
उत्तर : नवीन उर्वर जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है तथा पुरातन अनुर्वर मिट्टी को बांगर कहा जाता है।
प्रश्न-6. काली मिट्टी की दो विशेषताएं बताओ।
उत्तर: काली मिट्टी की निम्न दो विशेषताएं है : –
(1) इस मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है।
(2) यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है।
प्रश्न 7. लेटेराइट मिट्टी भारत में कहाँ-कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: छोटानागपुर के पठार पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट पर्वतों के कुछ भागों एवं मेघालय के पठार के अधिकांश भाग में लेटेराइट मिट्टी पाई जाती है।
प्रश्न 8. भारत में चाय और कहवा का उत्पादन किस प्रकार की मिट्टी में होता है?
उत्तर : भारत में चाय और कहवा का उत्पादन पर्वतीय मिट्टी में होता है।
प्रश्न-9. मिट्टी का उपयोग किन-किन रूपों में होता है?
उत्तर : मिट्टी का उपयोग कृषि, पशुचारण, पर मकानों का निर्माण, फल-फूलों का उत्पादन, जीव आवासस्थल विभिन्न प्रकार की प्रतिमाओं के निर्माण, कुटीर शिल्प का विकास आदि के लिए किया जाता है।
(4) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- 1. भारत की विभिन्न प्रकार की मिट्टियों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर : (1) कीचड़ युक्त जलोड़ मिट्टी : नदियों द्वारा लाये गये कणों से यह मिट्टी बनती है। यह उपर होती है इस मिट्टी में प्राय: हर तरह के फसलों की खेती होती है। नदी के प्लावन भूमि और द्वीप क्षेत्र में पाई जाती है। भारत में उर्वर नवीन जलोढ़ मिट्टी को 'खादर और अनुवंर प्राचीन जलोढ़ मिट्टी को 'भांगर' कहा जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और असम में इस मिट्टी का एक विस्तृत क्षेत्र है।
(2) काली मिट्टी : बेसाल्ट चट्टान वाले क्षेत्रों में यह मिट्टी पाई जाती है। इस मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। यह मिट्टी उर्वर भी यथेष्ट होती है। कपास, आरब और मूंगफली की खेती के लिए यह मिट्टी आदर्श है। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के अधिकांश भागों एवं कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के कुछ भागों में यह मिट्टी पाई जाती है।
(3) लाल मिट्टी : रूपान्तरित चट्टानों के अनेक वर्षों में चूर्ण बन जाने से इस मिट्टी का निर्माण होता है। लोहा का परिमाण अधिक होने से इस मिट्टी का रंग लाल होता है। बिना सिंचाई के इस मिट्टी में खेती नहीं की जा सकती। इसमें ज्वार-बाजरा, बादाम, तम्बाकू, चना की खेती होती है। उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के पश्चिमी भाग में यह मिट्टी पाई जाती है।
(4) लेटेराइट मिट्टी : बहुत अधिक उष्णता और वर्षा वाले क्षेत्र में जहाँ पर्यावरण में शुष्क और आईं ऋतु रहती है, वहाँ इस मिट्टी का निर्माण होता है। लौह अक्साइड की उपस्थिति के कारण यह मिट्टी अनुर्वर होती है। मूंगफली, ज्वार, बाजरा इस मिट्टी में पैदा होते है की भूमि पूर्वपाट और पश्चिमघाट के पर्वतों के कुछ भाग एवं मेघालय मालभूमि का अधिकांश भाग में यह मिट्टी पाई जाती है।
(5) मरूस्थलीय मिट्टी : बहुत कम वर्षा और अत्यधिक उष्णता वाले क्षेत्र में यह मिट्टी पाई जाती है। इस मिट्टी के दाने मोटे और छिद्रयुक्त होते हैं। जलधारण करने की क्षमता कम होती है। यह मिट्टी अनुर्वर है। अत्यधिक वाष्पीकरण के कारण इस अंचल की मिट्टी में लवण की मात्रा अधिक होती है। इस मिट्टी में प्रधानतः चार, रागी (जिसे मोटा अनाज कहते हैं) की खेती की जाती है। राजस्थान के मरुभूमि क्षेत्र में यह मिट्टी पाई जाती है।
(6) पर्वतीय अंचल की मिट्टी : प्रधानतः आई शीतोष्ण जलवायु में इस तरह की मिट्टी का निर्माण होता है। इस मिट्टी में जैव पदार्थ अधिक परिमाण में होते हैं। चाय, कॉफी, कई तरह के मसाले इस मिट्टी में बहुत अच्छी तरह उगाये जाते हैं। हिमालय का पर्वतीय क्षेत्र, पश्चिम घाट पर्वत एवं दक्षिणात्य पर्वतीय क्षेत्र में मिट्टी पाई जाती है।