वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) रोजाना अंधी कहाँ जाकर खड़ी रहती है?
(i) झोपड़ी के दरवाजे पर (ii) महल के दरवाजे पर (iii) मस्जिद के दरवाजे पर (iv) मन्दिर के दरवाजे पर
उत्तर : (iv) मन्दिर के दरवाजे पर
(ख) झोपड़ी में उसके साथ कितने वर्ष का लड़का रहता था?
(i) पाँच (ii) आठ (iii) दस (iv) बारह
उत्तर : (iii) दस
(ग) उस लड़के का क्या नाम था ?
(i) सोहन (ii) रोहन (iii) मोहन (iv) भुवन
उत्तर : (iii) मोहन
(घ) सेठ के पास जमा नकदी को कितने वर्ष बाद वह माँगने गई?
(i) दो वर्ष (ii) तीन वर्ष (iii) चार वर्ष (iv) पाँच वर्ष
उत्तर : (i) दो वर्ष
(ङ) 'नहीं तो, इस नाम पर एक पाई भी जमा नहीं है।' कौन कहता हैं?
(i) सेठ (ii) सेठानी (iii) मुनीम (iv) नौकर
उत्तर : (iii) मुनीम
लघुउत्तरीय प्रश्न
1. मन्दिर में कैसे लोग आते हैं?
उत्तर : मंदिर में सहृदय और श्रद्धालु लोग आते हैं।
2. अंधी को बच्चा कितने वर्ष पहले कहाँ मिला?
उत्तर : अंधी को बच्चा पाँच वर्ष पहले किसी मेले में मिला था।
3. पैसा माँगने पर सेठ ने अंधी को गुस्से में क्या कहा?
उत्तर : पैसा माँगने पर सेठ ने अंधी को गुस्से में कहा- जाती हो या फिर नौकर को बुलाऊँ।
4. अंधी को किस शब्द ने बेचैन कर दिया?
उत्तर : सेठजी ने कहा कि बच्चा मेरा है, अब मिला है, इसलिए इसे कहीं जाने न दूँगा। सेठजी के ये शब्द सुनकर अंधी बेचैन हो गई।
5. अंधी माँ से मिलने पर वह कितने दिन में ठीक हुआ?
उत्तर : अंधी माँ से मिलने पर वह दस-पन्द्रह दिन में ठीक हो गया।
6. निम्न पंक्तियाँ कौन किससे कह रहा है?
(क) 'कैसी जमा-पूँजी? कैसे रुपये ?'
उत्तर : सेठजी अंधी भिखारिन से कह रहे हैं।
(ख) 'अच्छा' भगवान तुम्हें बहुत दे।'
उत्तर : अंधी भिखारिन सेठजी से कह रही है।
(ग) 'इसमें तुम्हारी धरोहर है, तुम्हारे रुपये। मेरा वह अपराध..।’
उत्तर : सेठजी ने अंधी भिखारिन से कहा।
बोध मूलक प्रश्न
1. काशी के सेठ के बारे में लोग क्या जानते थे?
उत्तर : काशी के सेठ के बारे में लोग जानते थे कि वे बहुत बड़े भक्त और धर्मात्मा है। धर्म में उनकी बड़ी रुचि है। स्नान-ध्यान में संलग्न रहते हैं।
2. अंधी भिखारिन से पैसे ले उसके साथ क्या व्यवहार किया गया ?
उत्तर : अंधी भिखारिन से पैसे लेकर उसके साथ बिल्कुल अन्याय किया। सेठजी बिल्कुल नकार गए कि उसकी पूँजी उनके पास जमा नहीं है। उसे धमकी मिली की कि वह तुरंत वहाँ से चली जाए। उसे मारने का डर दिखाया गया। उसके रोने गिड़गिड़ाने पर भी उसके पैसे उसे न मिले।
3. अंधी ने ठहाका क्यों लगायी?
उत्तर : सेठजी ने अंधी से कहा कि यह बच्चा उनका है, इसलिए वे इसे कहीं जाने नहीं देंगे और लाख कोशिशें करके भी इसके प्राण बचाएंगे। सेठजी के इसी वचन पर अंधी ने ठहका लगायी और कहा कि बच्चा तुम्हारा है. इसलिए लाख प्रयत्न करके उसे बचाएंगे। यदि मेरा बच्चा होता तो उसे मर जाने देते क्यों? यह भी कोई न्याय है।
4. सेठ और भिखारिन में किसे महान कहा जा सकता है? और क्यों?
उत्तर : सेठ और भिखारिन में भिखारिन को महान कहा जा सकता है। भिखारिन ने अपनी धरोहर के रुपये भी सेठजी को ही लौटा दिया। सेठजी को भिखारी बना दिया ओर स्वयं को देने वाली। सेठजी ने उससे बेईमानी की, बच्चे को भी छीन लिए, पर वह ममता के कारण बच्चे की सेवा की। स्वस्थ्य हो जाने पर सेठजी के यहाँ रहने को राजी न हुई। सेठ उसके सामने नतमस्तक हो गए।
5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर : इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को कभी भी अपना धर्म-कर्त्तव्य, ईमानदारी को नहीं भूलना चाहिए। तुच्छ धन के लिए बेईमान बनना मानवता के खिलाफ है। सहृदयता, दया, प्रेम, दीनों, अपाहिजों, भिखारियों के प्रति सहृदय होना चाहिए। व्यक्ति को अपने विचारों तथा कर्मों से महान बनना चाहिए। महानता धन में नहीं ममता में मानवता में सहृदयता में होती है।
व्याख्या मूलक प्रश्न
प्रश्न- प्रस्तुत कहानी में मानवीय मूल्य बोध को मार्मिक ढंग से उजागर किया गया है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : प्रस्तुत कहानी में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक अंधी भिखारिन के चरित्र से मानवीय मूल्य बोध को स्पष्ट किया है, तथा इस तथ्य को स्पष्ट किया है कि अंधी भिखारिन अभावग्रस्त, अंधी थी, पर विचारों और कर्मों से वह अतिशय महान थी। प्रतिदिन वह मंदिर के दरवाजे पर खड़ी रहकर भिक्षा माँगती थी। शाम के समय अपनी झोपड़ी में पहुँच कर दस साल के एक लड़के से स्नेह दिखाती उसका माथा चूमती, वह लड़का काशी के बड़े सेठ का लड़का था जो सात साल पूर्व एक मेले में खो गया था। न जाने कैसे वह भिखारिन के पास पहुँचा। वह भिखारिन को ही माँ समझने लगा। अंधी झोपड़ी में एक हंडिया गाड़ रखी थी। जो कुछ माँग कर लाती उसे सुरक्षा के लिए उसमें डाल देती थी।
काशी के सेठ बनारसी दास बहुत बड़े धर्मात्मा देशभक्त तथा प्रसिद्ध व्यक्ति थे, अंधी अपनी पूँजी सेठ जी के पास धरोहर रूप में रखने के लिए आई। उसने सेठजी को अपनी हंडिया की पूँजी जमा कर लेने के लिए कहा। सेठजी के संकेत पर मुनिम ने बुढ़िया से उसका नाम पूछा और नकदी गिनकर जमा कर दिया। बुढ़िया सेठजी को आशीर्वाद देती हुई अपनी झोपड़ी में चली गई। दो वर्ष बाद एक दिन लड़के को तेज ज्वर हो गया। झाड़-फूंक टोने- टोटके के प्रयोग से लड़के का ज्वरन उतरा। उसने किसी डॉक्टर से इलाज कराने का निश्चय किया। अंधी सेठ जी के पास जाकर अपनी जमा पूँजी में से दस-पाँच रुपये इलाज के लिए माँगने लगी। पर सेठजी अंधी की जमा-पूँजी को बिल्कुल नकार गए। सेठ जी के इशारे पर मुनीम ने भी कहा कि इस नाम पर एक पाई भी जमा नहीं है। रोती हुई बुढ़िया धर्म के नाम पर कुछ माँगने लगी जिससे उसका बच्चा जी जाए। पर पत्थर में कोमलता न आई। फिर वह सेठजी को आशीर्वाद देकर बुझे दिल से चली गई। इतना धनी आदमी उस अंधी का रुपये नकार गए इससे अधिक मानवीयता का लोप और क्या हो सकता है।
एक दिन अंधी तेज ज्वर से जलते शरीर वाले बच्चे को गोद में उठाकर ठोकरे खाती सेठजी के पास पहुंची। सेठजी ने नौकरों को उसे भगा देने के लिए कहा। पर वह अपने स्थान से न हिली। सेठजी बाहर आए और उस बच्चे को पहचान गए। सात वर्ष पहले मेले उनका एक बेटा खो गया थ। मोहन की जाँघ पर लाल चिह्न को देखकर निश्चय कर लिया कि अपना बच्चा है और उसे अपनी गोद में ले लिए। बुढ़िया अपने बच्चे के लिए चिल्लाने लगी। निराश वह चली गई। दूसरे दिन मोहन का बुखार उतर गया। वह माँ के लिए बेचैन हो उठा। फिर ज्वर से पीड़ित हो गया। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया। फिर सेठजी ने विवश होकर बुढ़िया के सामने रोकर गिड़गिड़ाकरले आए, बुढ़िया के हाथ के स्पर्श से मोहन स्वस्थ होकर माँ तुम आ गई कहने लगा। मोहन के पूरी तरह ठीक हो जाने पर बुढ़िया जाने के लिए तैयार हो गई सेठजी के मिन्नत करने पर भी वह न रुक सकी। सेठजी ने बुढ़िया की रुपयो की घेली देते हुए कहा कि यह तुम्हारी धरोहर है। मेरे अपराध को क्षमा कर दो। बुढ़िया ने कहा कि यह रुपये तो मैंने तुम्हारे मोहन के लिए इकट्ठे किए थे, उसी को दे देना। एक भिखारिन होते हुए भी वह उस प्रसिद्ध सेठ से महान थी। इस समय सेठ भिखारी का और वह देने वाली थी। इस प्रकार लेखक ने मानवीय गुणों का स्पष्ट किया है।
भाषा बोध
1. निम्न शब्दों में तत्सम् और तद्भव शब्दों को अलग करें -
उत्तर :
तत्सम् ------- तद्भव
सहृदय हाथ
मिथ्या आँसू
नेत्र बुढ़िया
शाप बच्चा
वस्तु कोशिश
वस्त्र
याचना
दृष्टि
2. जिन शब्दों का प्रयोग किसी संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए वाक्यों में सर्वनाम शब्द रेखांकित कीजिए।
(क) उसकी गोद में एक बच्चा देखा, वह रो रहा था।
(ख) मेरे रुपये तो हजम कर गए, अब क्या मेरा बच्चा भी मुझसे छीन लोगे।
(ग) मैं उसको अपने हृदय से नहीं जाने दूंगा।
(घ) तुम्हारे जाने से वह बच जाएगा।
3. निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह कर समास का नाम लिखिए-
मन-ही-मन --- मन में ही --- अव्ययी भाव समास -
थोड़ा बहुत -- थोड़ा या बहुत --- द्वन्द्व समास
देश भक्त --- देश का भक्त ---- तत्पुरुष समास
धर्मात्मा --- धार्मिक है आत्मा जिसकी वह --- बहुव्रीहि समास
खून पसीना --- खून और पसीना ---- द्वन्द्व समास
4. जो अक्षर या अक्षर समूह शब्दों के अन्त में लगाए जाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। ये दो प्रकार के
होते हैं (क) कृत (ख) तद्धित।
निम्नलिखित शब्दों से मूल शब्द और प्रत्यय अलग कीजिए-
नम्रता - नम्र + ता बुढ़िया - बूढ़ा + इया नकदी - नकद + ई भिखारिन - भिखारी + इन
श्रद्धालु श्रद्धा + आलु चिन्तित - चिन्ता + इत धनी - धन + ई भिखारी - भिखार + ई